कोरोना वायरस के कारण ईरान में विभिन्न बंदरगाहों पर 70 भारतीय जहाजी फंसे हुए हैं। इनमें एक फिरोजपुर का युवक भी शामिल है। उन्होंने तेहरान में भारतीय दूतावास और डायरेक्टर जनरल शिपिंग को भेजे गए मेल में अपनी पीड़ा व्यक्त की है। उन्होंने मेल में लिखा है कि 70 भारतीय जहाजी यहां कई दिनों से खोर्रमशहर बंदरगाह, किश, बंदर अबास और बुशहर में फंसे हुए हैं।
उन्होंने अपनी साइन ऑफ प्रक्रिया पूरी कर ली थी लेकिन सभी साधन बंद होने के कारण वे यहीं फंसे रह गए। जहाज के मालिकों और अन्य स्थानीय चालक दल ने जहाज छोड़ दिया है। फंसे हुए भारतीयों में फिरोजपुर जिले के जीरा सब-डिवीजन के तहत आते मक्खू का गुरजंट सिंह गिल भी है। उसने व्हाट्सएप पर बताया कि यहां उन्हें फंसे हुए 45 दिनों से अधिक समय हो गया है।
उनके पास अब भोजन भी नहीं बचा है। उन्हें सिर्फ मास्क ही दिए गए हैं, बाकी कुछ नहीं। उसने बताया कि उन्हें 4 अप्रैल को उड़ान भरनी थी लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। अब कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है। हमारे एजेंट भी टिकट के लिए पैसा नहीं दे रहे हैं और अब उन्होंने जवाब देना छोड़ दिया है। महाराष्ट्र के ठाणे के अनुराग कैलाश चंद ने फोन पर बताया कि जहाज में उनके पास बिजली की आपूर्ति भी नहीं है। किसी तरह उनकी मदद की जाए।
ट्वीट के बाद तैयार की सूची
अटके हुए जहाजियों ने भारतीय दूतावास और जहाजरानी मंत्री को कई ट्वीट किए थे। इसके बाद डायरेक्टर जनरल शिपिंग ने विभिन्न बंदरगाहों पर अटके समुद्री यात्रियों का विवरण मांगा। अंतरराष्ट्रीय समुद्री महासंघ के अध्यक्ष कैप्टन संजय पाराशर ने एक सूची तैयार कर भेजी, जिसमें ईरान में अटके 70 समुद्री नाविकों का विवरण है। हालांकि इसके बावजूद ईरान में अटके समुद्री नाविकों को लाने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वहीं, कैप्टन पाराशर ने कहा कि तेहरान में भारतीय दूतावास के अधिकारी जहाजियों से बात कर रहे हैं और उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। वे भी यथासंभव मदद की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सभी जल्द ही वापस आ जाएंगे। यह संभवतया 15 अप्रैल को लॉकडाउन हटने के बाद ही होगा।