गुलजार हुए दिल्ली के बाजार, इस बार हर्बल गुलाल पर जोर

होली की पूर्व संध्या पर दिल्ली के बाजार गुलजार रहे। कोई होली के लिए रंग-गुलाल खरीदने पहुंचा तो कोई बच्चों की पिचकारी। कपड़ा मार्केट में भी कोरोना वायरस के बावजूद रौनक रही। सबसे अधिक खरीदारी गुजियों की दुकानों पर देखने को मिली। वैसे भी होली का त्योहार हो और गुजिया का नाम न आए, ऐसा कम ही देखने को मिलता है। हालांकि इस बार गुजिया के विक्रेताओं को यह कमी खली कि वह ड्राई फ्रूट वाली गुजिया कोरोना की वजह से विदेश नहीं भेज सके। 


होली के मौके पर दिल्ली से बाहर अपने घर जाने वालों ने बड़ी तादाद में खरीदारी की। इसके लिए आम दुकानों पर भी गुजिया की विशेष पैकेजिंग देखने को मिली। सदर बाजार एसोसिएशन के देवराज बावेजा ने बताया कि होली का रंग जिस तरह से फीका है, ऐसा कभी देखने को नहीं मिला। कोरोना के डर से ग्राहक नहीं पहुंचे तो उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा ने भी व्यापार को प्रभावित किया। हालांकि पिछले दो दिनों में ही बिक्री हुई है। इस बार बाजार 80-90 प्रतिशत फीका रहा।

खजूर व अंजीर से तैयार गुजिया की खरीदारी भी कम नहीं
मधुमेह रोगियों के लिए बाजार में खास तरह की शक्कर मुक्त गुजिया है। इसे विशेष तौर पर खजूर व अंजीर से तैयार किया गया है ताकि मधुमेह रोगी भी होली पर इसका आनंद उठा सकें। शुद्ध देशी घी के साथ रोस्टेड गुजिया की भी जमकर बिक रही है। यह गुजिया तलने के बजाय सेंक कर बनाई जा रही है।  

चीनी नहीं हर्बल गुलाल से होगी होली
बाजारों में हर्बल गुलाल की खरीदारी इस बार ज्यादा हुई। चीन में बने केमिकल वाले रंग-गुलाल से लोगों ने पूरी तरह से परहेज किया। बच्चों के लिए अलग से हर्बल रंग व हर्बल गुलाल की खरीदारी करते लोग दिखे। ग्लिटरिंग व तिरंगा गुलाल के साथ होली त्योहार के मास्क बच्चों को लुभा रहे थे। बाजार में गुलाल वाले बैलून भी हैं जो फुटते ही रंग बिखेर देते हैं। इसी तरह रंग, गुलाल, पिचकारी, गिफ्ट पैक, स्नो स्प्रे, होली टोपी, म्यूजिकल पिचकारी, गुलाल पिचकारी, मुखौटों की खरीदारी हुई। हालांकि चीन के सामान से लोगों ने दूरी बनाए रखी और स्वदेशी सामान पर ज्यादा जोर रहा।